PUNJAB : मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर के बेटे रणइंदर पर मुख्तार अंसारी के साथ मिलीभगत के आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि भले ही पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह इस बात से इनकार कर रहे हों कि वह अंसारी को नहीं जानते हैं, लेकिन उन्हें अपने बेटे रणइंदर से पूछना चाहिए कि यह गैंगस्टर कौन है?
मान ने कहा अंसारी की पत्नी यहां मिलने आती थी, 2 महीने वह यहां रही। अंसारी की पत्नी के अलावा उसके बेटों की भी यहां सेवा हुई। मान ने बताया कि रोपड़ में वक्फ बोर्ड की जमीन पर मुख्तार अंसारी के बेटे और भतीजे के नाम पर है। अभी नाम बताता हूं, यह कहते हुए मान ने अपना मोबाइल निकाला और बोले- आवास अंसारी एंड उमर अंसारी, यह बेटा और भतीजा है। यह जमीन रोपड़ में है और वक्फ बोर्ड की जमीन है। बाकी रणइंदर सिंह को पता होगा कि यह कौन-कौन हैं।
सीएम मान ने दावा करते हुए कहा कि अंसारी पर एमएलए एमपी कोर्ट में केस चल रहा था, इस दौरान 2019 में अंसारी ने रणइंदर से संपर्क किया था. उस पर रंगदारी का केस बना कर उसे रोपड़ जेल लाया गया था. उसकी पत्नी भी जेल के पास ही एक कोठी किराए पर लेकर रह रही थी. उत्तर प्रदेश सरकार ने 25 बार पंजाब सरकार को अंसारी को पुलिस को सौंपने करने का आग्रह किया था.
उन्होंने कहा कि पूर्व जेल मंत्री रंधावा कहते हैं कि उन्हें नहीं पता कि जेल में कौन आया कौन गया, जबकि उन्होंने कैप्टन अमरिंदर को अंसारी को लेकर चिट्ठी लिखी थी. इसके बाद यूपी पुलिस सुप्रीम कोर्ट गई थी. पंजाब सरकार ने अंसारी को बचाने के लिए वकीलों की फीस पर 55 लाख रुपये खर्च किए थे.