दिल्ली-कटरा एक्सप्रेस वे काम के दौरान करतारपुर के बसरामपुर में करीब 80 फुट गहरे बोरबेल में गिरे हरियाणा के जींद निवासी मैकेनिक सुरेश को बचाने के लिए अब भी प्रयास जारी हैं।
शनिवार शाम को 7 बजे बोरबेल में गिरे सुरेश को अभी तक NDRF की टीम बाहर नहीं निकाल पाई है। सुरेश को बोरवेल में फंसे 40 घंटे हो गए हैं। बचाव कार्य में सबसे बड़ी बाधा नजदीक में ही स्थित एक पानी से भरा तालाब (छप्पड़) पैदा कर रहा है।
जानकारी के मुताबिक, सुरेश और उसका साथी पवन करतारपुर-कपूरथला रोड पर बसरामपुर गांव के पास खाई में फंसी एक बोरिंग मशीन को निकालने के लिए उसमें घुस गए थे. अधिकारियों ने बताया कि पवन तो बाहर निकलने में कामयाब रहा, लेकिन सुरेश पर रेत गिरने से वह फंस गया.
चंडीगढ़ में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के क्षेत्रीय अधिकारी विपिन शर्मा ने कहा कि अपने कार्य में अनुभवी दोनों ही श्रमिकों को ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ भेजा गया था. उन्होंने कहा कि इसमें सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन किया गया और सुरेश को बचाने के प्रयास जारी हैं.
बता दें कि एक्सप्रेसवे परियोजना के तहत एक खंभा खड़ा करने के लिए खाई खोदी गई थी. अधिकारियों ने कहा कि जिला प्रशासन और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल हरियाणा के जींद के रहने वाले सुरेश को बचाने के लिए अभियान चला रहे हैं.