-‘आप’ सरकार सूबे के मज़दूरों के उत्थान के लिए कर रही कार्य, लागू कर रही जनहितैषी नीतियां : हरभजन सिंह ईटीओ
– कहा, संगठित सिस्टम के बिना मज़दूरों का विकास संभव नहीं
-कहा, ‘आप’ सरकार ने अपने एक साल के के दौरान मज़दूरों के रजिस्ट्रेशन को 2021-22 के मुकाबले बढ़ा कर तीन गुना (50637) किया
आम आदमी पार्टी ने देश और सूबे के विकास में अहम योगदान डालने वाले मज़दूरों को मज़दूर दिवस के अवसर पर बधाई दी है। सोमवार को जलंधर में आप के वरिष्ठ नेता और केबिनेट मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ ने एक पत्रकार सम्मेलन के दौरान कहा कि किसी भी देश और सूबे का मज़दूर वर्ग वहां के विकास का एक अहम हिस्सा होता है। इस बातचीत के दौरान उनके साथ जालंधर पश्चिम से आप विधायक शीतल अंगुरल भी मौजूद थे।
‘आप’ नेता ने कहा कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान यहां के मज़दूरों के उत्थान और भलाई के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। मान सरकार सूबे में मज़दूर वर्ग के उत्थान के लिए विभिन्न स्कीमें लागू कर रही है।
उन्होंने कहा कि देश के संविधान निर्माता डॉ बीआर अंबेडकर ने भी सविधान में मज़दूरों को तरजीह दी है और उन्होंने अपने समय के दौरान भी मजदूरों के लिए संघर्ष किए। ‘आप’ सरकार भी अम्बेडकर की सोच को आगे बढ़ाते हुए पंजाब में मज़दूरों की भलाई के लिए कार्य कर रही है।
ईटीओ ने बताया कि जहां पिछली सरकार के समय वर्ष 2021-22 में सूबे के मज़दूरों की रजिस्ट्रेशन 16905 थी, वहीं ‘आप’ सरकार ने 22-23 में इसे बढ़ाकर 50637 कर दिया। उन्होंने कहा कि जब तक मजदूर वर्ग संगठित क्षेत्र में नहीं आएगा, तब तक उन्हें सरकार की ओर से दिए जाने वाले सभी लाभ और अन्य सुविधाएं नहीं मिल पाएंगी।
उन्होंने आगे बताया कि पिछली सरकार के समय 2021-22 में मज़दूरों की भलाई को लेकर सिर्फ 33 करोड़ 15 लाख रुपए रखे गए थे। जबकि मान सरकार ने तीन गुना बढ़ाकर 102 करोड 65 लाख रूपये सूबे के मजदूरों के खाते में डाले और खर्च किये गए।
इसके अलावा मज़दूरों की रजिस्ट्रेशन के लिए पिछले एक साल में सूबे में विभिन्न स्थानों पर 933 कैंप लगाए गए। मज़दूरों का उनके कार्यस्थल पर जाकर रजिस्ट्रेशन किया गया ताकि रजिस्ट्रेशन में पारदर्शिता रखी जा सके और असल मज़दूरों का रजिस्ट्रेशन किया जा सके।
कैबिनेट मंत्री ईटीओ ने एनसीईआरटी पाठ्यक्रम से भारतीय किसान यूनियन(बीकेयू) को हटाने को लेकर अफ़सोस ज़ाहिर किया और कहा कि किसानो द्वारा कृषि कानूनों के विरोध में किये गए विरोध प्रदर्शन के कारण एनसीआरटी से यह हटाया गया है। उन्होंने कहा कि हमारी पीढ़ी को किसानों और मजदूरों की ओर से अपने हकों के लिए की गई लड़ाई के बारे में जानकारी होनी चाहिए। एनसीआरटी का यह कदम बेहद निंदनीय है।
‘उन्होंने कहा ‘आप’ सरकार की गरंटी के तहत सूबे के लोगो को 600 यूनिट बिजली मुफ्त दी जा रही है, जिससे पंजाब के लगभग 90 फीसदी लोगों के बिजली के बिल ज़ीरो आ रहे है। इसमें ज्यादातर लोग गरीब और मज़दूर तबके के ही हैं। उन्होंने कहा कि जब तक मज़दूरों के घर में रोशनी नहीं होगी, तब तक उनकी जिंदगी में भी रोशनी संभव नहीं है।
उन्होंने बताया कि पंजाब कैबिनेट में बीते दिनों एक फैसला लिया गया कि कुदरती आपदा के दौरान खराब हुई फसल को लेकर दिए जाने वाले मुआवज़े के साथ साथ वहां काम करने वाले मजदूरों को भी कुछ माली सहायता दी जाए। इसके लिए सरकार ने मुआवज़ा राशि की दस फीसदी राशि मजदूरों के लिए तय की है।