एचएमवी की डीडी पंत बोटानिकल सोसाइटी ने आयोजित किया नेचर कैंप !

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जालंधर : हंस राज महिला महाविद्यालय के पीजी विभाग बॉटनी की डीडी पंत बोटानिकल सोसाइटी की ओर से प्राचार्या प्रो. डॉ. (श्रीमती) अजय सरीन की अध्यक्षता में नेचर स्टडी कैंप का आयोजन किया गया।

यह कैंप स्टेट नोडल एजेंसी के तौर पर पंजाब स्टेट काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नॉलजी तथा एनवायरमेंट एवं क्लाइमेट चेंज मंत्रालय के सहयोग से आयोजित किया गया।

इस नेचर कैंप के दौरान एमएससी बॉटनी तथा बीएससी की छात्राओं ने जिला होशियारपुर के मेहनग्रेवाल, तख्नी, रहमापुर वाइल्डलाइफ सैंचुरी, वाइल्डलाइफ डिवीजन होशियारपुर, पंजाब के फॉरेस्ट एवं वाइल्ड लाइफ प्रिजरवेशन विभाग, कूकानेट फॉरेस्ट रिजर्व, देहरियां तथा थाना डैम होशियारपुर का दौरा किया।

कैंप के दौरान छात्राओं ने मेहनग्रोवाल के फॉरेस्ट गैस्ट हाऊस तक श्री परमिंदर सिंह के साथ ट्रैक किया तथा पौधों की विभिन्न प्रजातियों जैसे भारतीय सैंडलवुड प्लांट, पीनस, शीशम, बुगनवेलिया तथा करी पेड़ की विभिन्न प्रजातियों का अध्ययन किया।

तख्नी-रहमापुर वाइल्ड लाइफ सैंचुरी के दौरे के दौरान डॉ. अमनदीप सिंह ने छात्राओं को प्रकृति के भीतर छिपे खजाने का अध्ययन करने के लिए प्रेरित किया।

छात्राओं ने कूकानेट फारेस्ट रि•जर्व का भी भ्रमण किया जिसकी अद्भुत सुंदरता देखते ही बनती थी। इन जंगलों में बांस के पेड़ की विभिन्न किस्में पाई जाती हैं। छात्राओं ने प्रकृति की शांति तथा बहते पानी की मधुर आवाज का अनुभव किया

जिसका प्रयोग कई शारीरिक व मानसिक समस्याओं को दूर करने में किया जाता है। यह आवा•ा मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी बेहतरीन है क्योंकि इससे सकारात्मकता महसूस होती है।

छात्राओं ने ब्लॉक ऑफिसर श्री जसवीर सिंह के नेतृत्व में देहरियां तथा थाना डैम होशियारपुर का भी दौरा किया। नेचर कैंप के दूसरे दिन छात्राओं ने वन चेतना पार्क, नारा डैम तथा सलेरन डैम, होशियारपुर का दौरा किया।

फारेस्ट गार्ड श्री जसबीर तथा ब्लॉक इंचार्ज सुश्री हशिका ने वन चेतना पार्क में छात्राओं को फ्लोरल डाइवर्सिटी के बारे में बताया। उन्होंने पंजाब में इस प्रकार के संरक्षित क्षेत्र बनाने के कारणों की भी व्याख्या की। नारा डैम जाते हुए छात्राओं ने नारा जंगल की फ्लोरल डायवर्सिटी का भी अनुभव किया। उ

उन्होंने अंग्रेजो द्वारा बनाए गए नारा रैस्ट हाऊस में खान-पान का भी आनंद लिया। छात्राओं ने अध्यापकों की अध्यक्षता में सलेरन डैम में बहुतायत में पाई जाने वाली टरमीनालिया, अर्जुना के पेड़ों का भी अध्ययन किया। तीसरे दिन छात्राओं ने हरिके सैंचुरी तथा करमोवाल का दौरा किया।

हरिके प्रोजैक्ट इंचार्ज सुश्री गीतांजलि ने छात्राओं को पानी के विभिन्न मानकों की जानकारी दी। उन्होंने पानी में पाई जाने वाली डाल्फिन तथा घड़ियाल के बारे में भी जानकारी एकत्रित की।

प्राचार्या प्रो. डॉ. (श्रीमती) अजय सरीन ने विभाग के प्रयास की सराहना की तथा कहा कि इस प्रकार के भ्रमण से छात्राओं में बायोडायर्वसिटी तथा संरक्षण के प्रति जागरूकता आएगी। डॉ. अंजना भाटिया ने कहा कि कक्षा की चारदीवारी में पर्यावरण को नहीं पढ़ा जा सकता। इसके लिए प्रकृति के करीब जाना जरूरी है। कैंप के दौरान डॉ. अंजना भाटिया, डॉ. श्वेता चौहान, डॉ. नीतिका, श्रीमती रमनदीप, डॉ. शुचि व सुश्री हरप्रीत मौजूद रहे।

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